हाल ही में डावोस(स्विटज़रलैंड) में आयोजित वर्ल्‍ड इकनोमिक फोरम के दौरान ग्रीनपीस के मुखिया कुमी नाइडू का  फेसबुक के अपने विडियो चेनेल पर रैंडी ज़ुकरबर्ग ने लाइव साक्षात्कार किया। इस साक्षात्‍कार में कुमी ने फेसबुक से प्रदूषित कोयला दहन की जगह पवन और सौर ऊर्जा जैसे साफ सुथरे ऊर्जा साधनों के इस्‍तेमाल की अपील करने के साथ-साथ रैंडी के भाई जो फेसबुक का सीईओ है, से अक्षय ऊर्जा का समर्थक होने का वायदा करने को कहा। 

यह तो बस फेसबुक को साफ सुथरी विद्युत ऊर्जा इस्‍तेमाल की तरफ ले जाने की एक पहल है। ग्रीनपीस फेसबुक पर साफ ईधन के इसतेमाल के लिए दबाव बनाने में लगी है ताकि भविष्‍य में फेसबुक के 60 करोड़ उपभोक्‍ता आनलाइन होते समय कोयला दहन की गंदी विद्युत ऊर्जा की जगह साफ अक्षय ऊर्जा का इस्‍तेमाल करें।

Kumi's interview with Facebookदरअसल आज की तेज़ रफतार जिंदगी में हम सभी वक़त के साथ गुम हो गये दोस्‍तों से दोबारा संपर्क बनाने के लिए सोशल नेटवर्क का इस्‍तेमाल करते हैं। इस सोशल नेटवर्कों के दायरे में फेसबुक ने निश्चित रूप अपने पचास करोड़ से उपर सक्रिय उपयोगकर्ताओं को एक सबसे अधिक आकर्षक मंच प्रदान करके अपनी  अनूठी छाप छोड़ी है। पर क्‍या हमने एक पल के भी लिए यह सोचा कि हमें 24 घंटे आनलाइन रखने वाले सरवर दुनिया के किसी हिस्‍से में कितना कोयला दहन करते हैं?

पिछले साल, फेसबुक ने अपने इन करोड़ों प्रयोगकर्ताओं के लिए बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर बनाने की घोषणा  की थी। हांलांकि आज के ज़माने में कंप्यूटर अधिक ऊर्जा कुशल  हैं लेकिन विद्युत के लिए फेसबुक कोयला दहन का इस्‍तेमाल करने जा रही है। गौरतलब है कि ग्‍लोबल वार्मिंग आज दुनिया के उपर मंडरा रहा सबसे बड़ा संकट है और दुनिया में प्रति वर्ष, लगभग 11 बिलियन टन कार्बन डाई आक्‍साइड सिर्फ कोयला दहन से आती है। ऐसे में कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित करने वाले जीवाश्म ईंधन में बिजली उत्‍पादन के लिए कोयले का इस्‍तेमाल को जलवायु परिवर्तन रोकने की दिशा में सबसे बड़ा खतरा है।