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Almost two years after it first began, the COVID-19 pandemic continues to raise serious concerns about our environment and future.
Our choices matter now more than ever; how we protect ourselves in the pandemic inevitably impacts the quality of our surroundings. Everything we do to stay safe, like putting on a mask or shopping online, has its implications.
There is an urgent need to review our recent consumption of single-use plastics as a society, as well as identify current and future threats and opportunities to the environment as a result of throwaway use.
We hope that these pages provide you with the information necessary to understand the implications of the pandemic on Malaysia’s consumption and disposal of plastic.
At the same time, it won’t be all doom and gloom; there will also be suggestions and ideas to empower you to take action against plastic pollution, whether in your capacity as an individual, collective, or organisation.
Discussion
समुन्द्रों में प्लास्टिक कचरों को पहुंचने और भूमि की गुणवत्ता में मिलने से रोकने के लिऐ अति विशेष आवश्यक है कि विकासशील देशों में सार्वजनिक व्यक्तिगत उत्पादन के एकल उपयोग कचरों (प्लास्टिक इत्यादि) के संग्रहण की लम्बी अवधियों से प्रक्रियागत व्यवस्था की क्षमताऐं जोड़ी जांऐं। डस्टबीनों, डंम्पिंग जोनों और व्यवस्था में केवल उन्हीं कचरों को आगे दिया जाऐ जिनका निवासी प्रबंधन, संग्रह नहीं कर सकते। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में साफ, सूखे कचरों की उपलब्धता होने पर प्लास्टिक कचरों से डीजल, ईंटें और अन्य उत्पाद बनाने के अति शूक्ष्म रोजगार आसान होंगें। साथ ही शहरी क्षेत्रों की रीसाइक्लिंग इकाइयों, प्रक्रियाओं में साफ, सूखे कचरों की उपलब्धता रहने पर पुनः चक्रण में पानी, ऊर्जा की न्यूनतम आवश्यकता होगी और गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन होंगें। इस कार्यपद्धति के अनुपालन में सार्वजनिकता, पर्यावरण में उपस्थित कचरों पर अधिक तेजी से कार्य हो सकेंगे। पृथ्वी के जीवन से न्याय के लिऐ यह कार्यपद्धति आवश्यक है। विकासशील देशों में इस कार्यपद्धति से कचरा बीनने वाले लाखों से अधिक लोगों को स्वच्छ कपड़ों, स्वच्छ परिवेश और स्वच्छ जीवनशैली के साथ व्यवस्थागत, निवासियों से कचरों की साफ, सूखी अपेक्षित मात्राओं को लिऐ जाने और प्रक्रियाओं, इकाइयों की क्षमताओं में दिऐ जाने की सम्मानजनक, न्यायपूर्ण, पर्यावरण हितैषी और नैतिक कार्यपद्धति मिलनी चाहिऐ। विकासशील देशों की सरकारों को रसोई गैस वितरण, राशन वितरण और नौकरियों के भुगतान में निवासियों के पास उपलब्ध पुस्तिका में साफ, सूखे कचरों की क्रमानुसार बढ़ी मात्राओं के विवरण दर्ज कराते हुऐ पर्यावरण संरक्षणमय जीवनशैली के अभ्यास निवासियों को उपलब्ध कराने चाहिऐ। दुकानों, व्यवसायों और संस्थानों से जैविक कचरों को ढांचागत पद्धति से लिया जाना, इससे खाद बनाया जाना और इसके व्यवसाय आवश्यक हैं, अहम हैं। लेकिन घरेलू आधार पर निवासियों से जैविक कचरों को लिया जाना उन्हें निजी लाभों से वंचित करना है। उन्हें गरीबी में धकेला जाना है। अति गरीबों के लिऐ विकट स्थितियां पैदा करना है। जैविक कचरों के प्रबंधन की घरेलू प्राथमिकताओं से निवासियों को कुछ सब्जियां, छोटे पौधों के फल उपलब्ध होने चाहिऐ जिससे बाजार की कुछ खाद्य वस्तुओं पर दवाब कम हो सकें और अति गरीबों तक ऐसी खाद्य वस्तुओं की पहुंच आसान, सुलभ हो सके। पर्यावरण को नैतिकता के आधार पर निवासियों के निजी उपयोगों से सुरक्षित होने में पर्यावरण संरक्षण की आसमानी नीतियों के साथ आवश्यक है कि जमीनी वास्तविकताओं पर भी विचार किया जाऐ।
We should know why should stop using plastic